नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आईपीएल के नाम पर लोग सट्टेवाजी कर रहे है और ऑनलाइन जुआ खेल रहे है। न्यायालय ने सट्टेवाजी ऐप को विनियमित करने के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर केंद्र से जवाव मांगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिह की पीठ ने केए पॉल की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिन्होंने दावा किया था कि ऑनलाइन सट्टेवाजी और जुए से जुड़े ऐप का इस्तेमाल करने के बाद कई वच्चों ने आत्महत्या कर ली।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि कई प्रभावशाली लोग, अभिनेता और क्रिकेटर इन ऑनलाइन ऐप का प्रचार कर रहे है, जिसके कारण वच्चे सट्टेवाजी की ओर आकर्षित हो रहे है। पॉल ने कहा, सिगरेट के मामले में पैकेट पर धूम्रपान के दुष्प्रभाव अंकित होते है, लेकिन सट्टेवाजी ऐप के मामले में इस तरह की कोई चेतावनी प्रकाशित नहीं की जाती और पूर्व भारतीय क्रिकेटर भी आईपीएल में इस तरह के ऐप का प्रचार कर रहे है। पीठ ने कहा, आईपीएल के नाम पर बड़ी संख्या में लोग सट्टा लगा रहे है और जुए में लिप्त है। यह गंभीर मामला है।
पॉल ने कहा, मै यहां उन लाखों माता- पिता की ओर से पक्ष रख रहा हूं, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अपने वच्चे खोए है। तेलंगाना में 1023 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की, क्योंकि 25 वॉलीवुड और टॉलीवुड सितारों/प्रभावशाली लोगों ने मासूमों की जिदगी से खिलवाड़ किया। उन्होंने दावा किया कि तेलंगाना में प्रभावशाली लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, क्योंकि मामला मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का है।
पीठ ने कहा, वह ज्यादा कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि ये समाजिक विकृतियां है और कानून बनाकर लोगों को सट्टेबाजी में लिप्त होने से नहीं रोका जा सकता । न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, क्या किया जा सकता है? सैद्धांतिक रूप से हम आपके साथ है कि इसे रोका जाना चाहिए… लेकिन शायद आप इस गलतफहमी में है कि इसे कानून के जरिये रोका जा सकता है।
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